उदयपुर साल्ही में फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव के आधार पर खुले खदान प्रबंधन ने रोका रास्ता,
ग्रामीण डेढ़ घंटा तक बंद रखें पूरा खदान प्रबंधन में 5 दिन का मांगा समय तभी बंद चालू हो पाया
उदयपुर साल्ही के कोल प्रभावित किसानों ने पीसीबी कोल ब्लॉक में लगभग 80-90 महिलाओ एवं पुरुषों ने खदान में घुस गए और कोयला वाहन गाड़ियों को जाम कर दिया अडानी कंपनी ग्रामीणों के रास्ते को बंद करके किसानों के जमीनों में कार्य शुरू कर दिया है जिसके कारण प्रभावित गांव के लोग आक्रोषित होकर सुबह 11 बजे लगभग सैकडों लोगों के जनसंख्या में पीसीबी कोल ब्लॉक में घुस गए और कोयला डोने वाले गाड़ियों को जाम कर दिया सूचना मिलने पर अडानी प्रबंधन के राजेश सॉव व एचआर हेड राम द्विवेदी मौके पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश किया परन्तु ग्रामीणों ने गाड़ियों को जाम रखा, ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए हुए थाना प्रभारी उदयपुर कुमारी चंद्राकर अपने दलबल के साथ पहुंची,
*मुआवजा नहीं मिला और क्यों खोद रहे हैं हमारा जमीन*
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अडानी कंपनी बिना मुआवजा दिए उनके जमीनों को फेंसिंग कर रास्तों को ब्लॉक कर कोयला खोदाई का कार्य प्रारंभ कर दिया है जिससे ग्रामीणों और उनके मवेसियों को आने जाने में समस्या हो रही है.
ग्राम साल्ही निवासी युवा नेता राजा जय सिंह कुसरो ने अडानी कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीसीबी कोल ब्लॉक फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव के आधार पर खोला गया है और सभी किसानों को मुआवजा भी नहीं दिया गया है वावजूद इसके उनके जमीनों पर खोदाई कार्य कर रहा है जो उचित नहीं है और पीसीबी कोल ब्लॉक के अंदर उनके तीन देव स्थल है जहाँ आने जाने में समस्या हो रहा है. आगे उन्होंने जिला प्रशासन से मांग किया कि जब तक अंतिम किसान का मुआवजा वितरण नहीं हो जाता तब तक किसानों के रास्तों एवं जमीनों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए, उन्हें यथावत रखने का मांग किया. अडानी प्रबंधन ने रास्तों को खोलने और आवागमन के व्यवस्था करने हेतु 5 दिन का समय माँगा जिसके बाद थाना प्रभारी के समझाने के बाद ग्रामीणों ने एक घंटा जाम करने के बाद गाड़ियों का जाम को खोलने दिया
इस दौरान साल्ही गांव के सरपंच प्रतिनिधि विजय कुमार कोर्राम, क्षेत्र क्रमांक 10 के बी.डी.सी. श्रवण सिंह वरकड़े और जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रैमुनिया करियाम के साथ साल्ही गांव के ग्रामीण आनंद राम कुसरो, ठाकुर राम कुसरो, राम लाल करियाम, भगवती राम कुसरो, अकील साय कुसरो, धरम पाल पोर्ते, जायलाल पोर्ते, सुखनन्दन पोर्ते, बुधराम उइके सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे.