शिवाजी महाराज केवल योद्धा नहीं सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक थे
शिवाजी महाराज केवल योद्धा नहीं सांस्कृतिक चेतना के प्रतीक थे
लखनपुर के प्राचीन स्वयं- भू- शिव मंदिर प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी व सदस्यों ने ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि 10 जून दिन मंगलवार को हिन्दू साम्राज्य समारोह आयोजित कर छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दिवस श्रद्धा उत्साह के साथ मनाया । आयोजित कार्यक्रम में
नगर सहित आसपास गांव के विभिन्न शाखाओ से आये स्वयंसेवक शामिल हुये।
सर्वप्रथम छत्रपति शिवाजी महाराज के छाया चित्र के सम्मुख पूजा अर्चना कर सन् 1674 ईस्वी में हुये उनके ऐतिहासिक राज्याभिषेक का स्मरण किया गया।
इस अवसर पर महाराज शिवाजी द्वारा कहे गए अमर वाक्य “यह राज्य शिवाजी का नहीं ,धर्म का है “ का उल्लेख करते हुये राष्ट्र और धर्म की सेवा में उनके योगदान को याद किया गया ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष खंड संघचालक सत्यनारायण तिवारी ,मुख्य वक्ता जिला सह संघचालक देवनारायण यादव ने शिवाजी महाराज के जीवन के प्ररेक प्रसंगों , उनके दूरदृष्टिता और देशभक्ति पर प्रकाश डालते हुये कहा भारतीय इतिहास में शिवाजी महाराज स्वाभिमान और स्वतंत्रता प्रतीक के रूप में अमर है। स्वतंत्रता के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता उनकी वीरता शौर्यता ने उन्हें एक किंवदंती बना दिया। संक्षेप में शिवाजी महाराज अपने जीवन काल में विभिन्न राजाओं और शासकों के साथ संघर्ष और सम्बन्ध बनाए जो साम्राज्य विस्तार और स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण रहा।
खंड सह संघचालक डॉ आर0 बी0 पाण्डेय ने अपने वक्तव्य में कहा की शिवाजी महाराज केवल योद्धा नहीं बल्कि राजनीतिक और सांस्कृतिक चेतना के प्रतिमुर्ति थे , जिनके आदर्श और विचार आज भी प्रासंगिक है ।आज युद्ध धर्म और संस्कृति को बचाये रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है ।इसकी रक्षा के लिए सभी को आगे आना होगा।
आभार प्रदर्शन खंड कार्यवाह यतेंद्र पाण्डेय ने किया और स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि ज़्यादा से ज़्यादा संघ की शाखा में आयें और गाँव गांव में संघ कार्य को विस्तार दे। धर्म और संस्कृति की रक्षा करें। कार्यक्रम में दूर दूर से आये स्वयंसेवकों ने उत्साह और समर्पित मनोभाव के साथ कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया।
कार्यक्रम में प्रदीप गुप्ता , कामेश्वर रजवाड़े, अवधेश साहू , प्रकाश ठाकुर ,प्रियांशु साहू , रुद्र चौधरी ,विक्रम सिंह , महेश्वर राजवाड़े ,प्रदीप राजवाड़े , विनय , सुरेश गुप्ता का सहयोग रहा।